एक घर में अगर सभी सदस्यों में सामंजस्य न हो तो माहौल अजीब हो जाता है। सब कुछ होते हुए भी मन खिन्न रहता है। और अगर परिवार में और भी परेशानियों हों परंतु सभी सदस्यों में सामंजस्य व प्रेम हो तो कोई भी परेशानी भारी नहीं लगती। धन संपदा भी कुछ नहीं करती बल्कि कई बार धन सम्पदा ही वैमनस्य का कारण बन जाती है। ऐसे में कोई समाधान समझ में नहीं आता क्योंकि संवाद तो होता ही नहीं और अगर बातचीत की कोशिश भी करें तो मामला और उलझता नजर आता है। ऐसे में सब हताश व निराश हों जाते हैं। ऐसे में संतो के वचनों पर तथा लोगों के अनुभवों पर विश्वास कर श्री विष्णु सहस्रनाम की शरण ले लें। और कुछ भी हो बस पाठ करना या सुनना छोड़े नहीं। शुरुआत में समस्या और जोर मारती नजर आयेगी, कलह तीव्र होता नजर आएगा पर श्री हरि की शक्ति पर श्रद्धा पूर्वक विश्वास बनाये रखें। तब आप देखेंगे श्री भगवान जो आपके और आपके भाई बंधु पारिवारिक जनों के अंदर भी विराजमान हैं, कैसे अनूठे तरीक़ से समाधान करेंगे कि आप भी आश्चर्य में पड़ जायेंगे। परिवार में शांति और सकारात्मक ऊर्जा फिर लौट आयेगी।
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